दिनांक – 23 दिसंबर 2025
जनपद में वर्तमान रबी सीजन के दौरान किसानों को उर्वरक (यूरिया, डीएपी आदि) की सुचारु, पारदर्शी एवं निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
जिलाधिकारी द्वारा आज उर्वरक उपलब्धता एवं वितरण व्यवस्था की समीक्षा करते हुए निम्नलिखित महत्वपूर्ण जानकारी एवं दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं:
*1. उर्वरक उपलब्धता की वर्तमान स्थिति*
जनपद में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है। गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष आपूर्ति एवं वितरण की स्थिति और अधिक सुदृढ़ है:
पिछले रबी सीजन में 22 दिसंबर 2024 को 21970 कृषकों को यूरिया का वितरण किया गया था।
इस वर्ष रबी सीजन में 22 दिसंबर 2025 तक 53621 कृषकों को यूरिया का वितरण किया जा चुका हैं।
गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 4,975.809 मैट्रिक टन अधिक यूरिया का वितरण किया गया हैं। जो उर्वरक आपूर्ति की सुदृढ़ व्यवस्था को दर्शाता है।
दिनांक 23 दिसंबर 2025 को भी जनपद को 2700 मैट्रिक टन उर्वरक की नई रैक प्राप्त होने वाली है।
दिनांक 22 दिसंबर 2025 को जनपद के कुल 332 केंद्रों (सहकारी समितियां/खुदरा उर्वरक दुकानें) के माध्यम से 587.395 मैट्रिक टन यूरिया का वितरण किया गया।
दिनांक 23 दिसंबर 2025 को जनपद में 641 पी.सी.एफ. बफर गोदामों एवं सहकारी/उर्वरक विक्रय केंद्रों पर कुल 4,281.170 मैट्रिक टन यूरिया स्टॉक उपलब्ध है।
*2. वितरण व्यवस्था एवं पात्रता*
किसानों की सुविधा एवं भीड़ नियंत्रण को ध्यान में रखते हुए वितरण प्रणाली को स्पष्ट किया गया है:
*सहकारी समितियां: यहां उर्वरक का वितरण मुख्य रूप से पंजीकृत समिति सदस्यों को किया जाएगा।*
*गैर-सदस्य किसान: जो किसान समिति के सदस्य नहीं हैं, वे निजी खुदरा उर्वरक दुकानों से उर्वरक प्राप्त करें। निजी दुकानों पर पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है।*
*अतिरिक्त केंद्र: आईएफएडडीसी (इफको केंद्र), एग्रीजंक्शन आदि विभागीय केंद्रों पर भी उर्वरक उपलब्ध कराया जा रहा है।*
*3. निजी उर्वरक दुकानों हेतु अनिवार्य समय-सारणी*
जनपद की समस्त निजी उर्वरक दुकानों के लिए निम्न निर्देश जारी किए गए हैं:
*सभी निजी उर्वरक दुकानें प्रतिदिन प्रातः 10:00 बजे से दोपहर 02:00 बजे तक अनिवार्य रूप से खुली रहेंगी।*
यह आदेश स्टॉक की उपलब्धता अथवा अनुपलब्धता की स्थिति में भी प्रभावी रहेगा, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।
*4. कालाबाजारी एवं बिचौलियों पर ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति*
उर्वरक की कालाबाजारी, ओवररेटिंग एवं जमाखोरी पर जिला प्रशासन द्वारा कठोर रुख अपनाया गया है:
यदि कोई भी व्यक्ति या बिचौलिया किसानों को गुमराह करता हुआ अथवा अवैध गतिविधियों में संलिप्त पाया जाता है, तो उसके विरुद्ध एफआईआर, लाइसेंस निरस्तीकरण एवं गिरफ्तारी जैसी सख्त कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
जिलाधिकारी की अपील
“किसान भाई केवल अपनी आवश्यकता अनुसार ही उर्वरक का क्रय करें। जनपद में उर्वरक की प्रचुर मात्रा उपलब्ध है। यदि कहीं भी निर्धारित दर से अधिक मूल्य की मांग की जाती है अथवा कालाबाजारी की सूचना मिलती है, तो तत्काल जिला कृषि अधिकारी अथवा संबंधित तहसील के उपजिलाधिकारी को अवगत कराएं।”